कोरोना हारेगा देश जीतेगा, लॉक डाउन में सीसीएल का उत्पादन दोगुना

Area- हेडक्वार्टर, Posted on- 31-03-2020


ट्वीटर पर आजकल सबसे अधिक ट्रेंडिंग हैश टैग है #कोरोना_हारेगा_देश_जीतेगा, इस जनभावना को चरितार्थ करते हुए सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), ने लॉकडाउन के दौरान अपना कोयला उत्पादन 3.2 लाख टन से दोगुना से भी ज्यादा बढ़ाते हुए 30 मार्च को 6.7 लाख टन कर लिया है  | हालांकि, यह कोयला उत्पादन की मात्रा अभी अपने शिखर पर नहीं पहुँचा है, कंपनी अब 7 लाख टन प्रति दिन के लिए प्रयास कर रहा है, जो इस खबर के प्रकाशित होने तक शायद प्राप्त कर लिया जाएगा। लॉक डाउन और कोरोना वायरस के खतरे के बीच, 6 दिन की बहुत ही छोटी अवधि में यह उपलब्धि, समर्पित कोयला कर्मियों की मेहनत और निष्ठा से प्राप्त की गई है जो इसे और भी सराहनीय  बनाता है । इस दौरान सदैव की भांति, कर्मियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जाता रहा है । भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों जैसे कि सोशल डिस्टेंसिंग, कार्यस्थल एवं मशीनों का सैनिटाइज़ेशन, मास्क का उपयोग आदि का पालन किया जा रहा है | कम्पनी का यह प्रयास है की आज जब हम सभी कोरोना वायरस के विरुद्ध युद्ध लड़ रहे है तब राष्ट्र को ईंधन की सहज उपलब्धता बराबर बनी रहे ।

एक मिलियन टन कोयला 200 मेगा वाट (MW) बिजली संयंत्र एक वर्ष तक चलाने के लिए पर्याप्त है। इसलिए, प्रतिदिन लगभग 0.7 मिलियन टन कोयला उत्पादन के साथ, सीसीएल एक 200 मेगावाट बिजली संयंत्र को लगभग 7-8 महीनों तक चलाने के लिए पर्याप्त कोयला उत्पादन कर रहा है। इन विपरित परिस्थितयों में देशवासी आश्वस्त रहें की कि कोयला कर्मी पूरे समर्पण और उत्साह के साथ 3 शिफ्टों में 24x7 कार्य कर रहे हैं, ताकि राष्ट्र के प्रत्येक घर और अस्पतालों में निर्बाध रूप से बिजली पहुँचती रहे । कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण घोषित लॉकडाउन के दौरान कोयला खनन गतिविधि और इसके परिवहन को आवश्यक सेवा के रूप में घोषित किया गया है।

सीसीएल देश में झारखंड, बिहार, यूपी, दिल्ली एनसीआर, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु में स्थित बिजली संयंत्रों को अपने कोयला उत्पादन का 80 प्रतिशत आपूर्ति करता है। कंपनी से लिंक किए गए बिजली संयंत्रों में लगभग 30-35 दिनों का पर्याप्त कोयला स्टॉक है और वर्तमान संकट के दौरान रेल और सड़क मोड द्वारा प्रतिदिन औसतन 170 हजार टन से अधिक कोयले का प्रेषण कर रहा है। वर्त्तमान में कोयला कर्मियों ने सम्मिलित प्रयास से देश को रौशन करने की जिम्मेदारी अपने मजबूत कंधो पर उठा रखा है और आगे भी इसका निर्वहन हेतु संकल्पित है |