पावर प्लांट्स में बढ़ते कोयला स्टॉक से सीसीएल का उत्पादन प्रभावित

Area- हेडक्वार्टर, Posted on- 22-03-2020


वित्तीय वर्ष 2019-20 के आखिरी दो तिमाहियों में बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया है। सीसीएल द्वारा कोयला आपूर्ति किये जाने वाले इन बिजली संयंत्रो में 35-40 दिनों तक का ईंधन स्टॉक है, जो शायद अब तक का उच्चतम है | इस परिस्थिति में, सीसीएल से जुड़े लगभग सभी बिजली संयंत्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से और अधिक कोयला आपूर्ति को स्वीकार करने में असमर्थ हैं । कंपनी के समक्ष चुनौतियां अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी, जब कुछ बिजली सयंत्र उपभोक्ताओं ने सीसीएल को भुगतान करना बंद कर दिया | हालाँकि, इसके उपरांत भी सीसीएल अपने सभी उपभोक्ताओ को कोयला आपूर्ति निरंतर कर रहा  है, जिससे कोयला प्रेषण, उत्पादन और लाभ की अपनी वार्षिक प्रतिबद्धता को पूरा कर सके।

वर्तमान में अधिकांश बिजली उपभोक्ताओं ने रेल संचालन आवश्यकता को कम दर्ज करके या दर्ज  नहीं करके कोयला आपूर्ति को विनियमित करना प्रारंभ  कर दिया है। सीसीएल का कोयला स्टॉक, जो माह अक्टूबर 2019 में 3.1 मिलियन टन के सबसे निचले स्तर पर आ गया था, आज की तारीख में पुनः 10 मिलियन टन से अधिक हो गया है। अपने कोयला स्टॉक को कम करने के लिए, सीसीएल सभी प्रयास कर रहा है, प्रतिदिन सीसीएल द्वारा भेजे जा रहे रेलवे रेक की संख्या, कंपनी के इतिहास में शायद अब तक का सबसे अधिक है।

सीसीएल द्वारा  स्टॉक लिक्विडेशन के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, ताकि कोयला उत्पादन बढ़ाया जा सके | सभी गैर-विनियमित/ गैर बिजली क्षेत्र के उपभोक्ता,  जो कंपनी के कोयला प्रेषण का लगभग 20% का उपयोग करते हैं, को बकाया/आवंटन का, जनवरी 2020 तक ख़त्म (clear)  किया जा चुका है। कोयले की मंद मांग की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए, सीसीएल ने हाल के महीनों में लगातार इ-ऑक्शन नीलामी कराय था, लेकिन बाजार में व्याप्त कमजोरी के कारण उपभोक्ताओं से प्रतिक्रिया अपेक्षाओं के विपरीत रहा, और पर्याप्त संख्या में उपभोक्ता नहीं मिले |

सीसीएल के समक्ष ये चुनैतीपूर्ण परिस्थितियाँ, कम्पनी के उत्पादन और ऑफ-टेक/प्रेषण दोनों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहा  हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है जहाँ कंपनी को कोयला उत्पादन, प्रेषण की वार्षिक प्रतिबद्धता भी प्राप्त करने में कठिनाई आ रहा है।