सीसीएल का समग्र विकास

Area- हेडक्वार्टर, Posted on- 01-01-2019


सेन्ट्रल कोलफिल्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) अपना स्व र्णिम दौर अक्षुण्ण रखते हुए वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम तीन तिमाही में पिछले वर्ष के इसी अवधी के तुलना में 41.65 मिलियन टन कोयला उत्पाकदन कर 12% की वृद्वि दर्ज की है । साथ ही साथ ओबी रिमुवल में 7% की वृद्वि हासिल करते हुए 72.7 मिलियन क्यूाबिक मीटर ओवर बर्डेंन की निकासी की है। सीसीएल ‘’पावर फॉर ऑल’’ के प्रति अपनी प्रतिबद्वता को साबित करते हुए  पावर क्षेत्र को उपरोक्त अवधि के दौरान कोयले की आपूर्ति में 3% की बढ़ोत्त री हासिल की और 38.4 मिलियन टन कोयला की आपूर्ति बिजली क्षेत्र को की गयी। इसी कड़ी में सीसीएल ने प्रथम तीन तिमाही में 7.4 मिलियन टन का स्टॉाक लिक्वीबडेशन किया है। सीसीएल को इस वित्तीेय वर्ष में आईएमएस  द्वारा आईएसओ 9001,14001 एवं ओएचएसएएस 18001 से प्रमाणित किया गया है जो हम सभी के लिए गर्व की बात है। 

पिछले वित्तीय वर्ष में सीएमडी सीसीएल श्री गोपाल सिंह के कुशल नेतृत्व में सीसीएल प्रबंधन का विशेष ध्यान आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने एवं वर्षो से अटकी हुई कई बहुप्रतीक्षित व महत्वाकांक्षी योजनाओं को कार्यान्वित करने पर रहा जिसका सकारात्मइक बदलाव प्रबंधन को वर्तमान वित्तीगय वर्ष में मिल रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी का पूंजीगत व्यय करीब 899 करोड़ रुपये रहा है, जो 650 करोड़ रूपये के लक्ष्य से 38% अधिक था । माननीय मुख्यजमंत्री श्री रघुबर दास के प्रेरणादायी मार्गदशन एवं राज्यव सरकार के उद्योगोन्मुरखी नीतियों से सीसीएल का राजकीय खजाने में योगदान 1926 करोड़ रूपये (वर्ष 2017-18) का रहा, जो इस वर्ष लगभग 2250 करोड़ रूपये हो जाने की उम्मीकद है। सीसीएल को आयकर विभाग द्वारा झारखंड राज्य( में सबसे ज्या्दा कॉरपोरेट टैक्स0 जमा करने के लिए सम्मा्नित किया गया।    
इस विक्तिय वर्ष में सीसीएल मगध, आम्रपाली, कारो, अशोका जैसी अपनी क्रियान्वित परियोजनाओं का विस्तार कर रहा है, जो कोयला उत्पादन को बढ़ावा देगा । आने वाले महीनों में कई परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी भी मिल जाने की सम्भावना है, जिससे कुछ मौजूदा  परियोजनाओं का विस्तांर किया जा सकेगा।

निरंतर विकास की यह गाथा, दृढसंकल्प एवं अनवरत प्रयास से सतत लिखी जा रही है |  ये परिणाम व्यवस्थित और सामरिक योजना (Systematic and Strategic Planning) के साथ-साथ सफल कार्यान्वायन (Perfect Implementation) का फल है। प्रगति की इस यात्रा को जारी रखते हुए, सीसीएल प्रबंधन ने सीएमडी, सीसीएल श्री गोपाल सिंह के कार्यकुशल मार्गनिर्देंशन में दूरदर्शी दृष्टिकोण का उदाहरण प्रस्तुत किया है जिससे सीसीएल ने पारंपरिक कार्यनिष्पापदन से बेहतर करते हुए 2012-18 की अवधि के दौरान अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। मौजूदा मार्गावरोध विशेष रूप से कोयला उत्पादन, कोयला प्रेषण एवं अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित बाधाओ को दूर करने के उद्देस्य से सीसीएल प्रबंधन द्वारा इस दिशा में अन्य राज्य एजेंसियों के सहयोग से सतत प्रयास किया गया । कोयला प्रेषण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और ग्राहको की संतुष्टीा और उनके आवश्यकतानुसार गुणवतापूर्ण कोयले की आपूर्ति करने के लिए सीसीएल प्रतिबद्व है । इस वित्तीैय वर्ष में बालूमाथ, बुकरू एवं फुलबसिया साईडिंग से लोडिंग शुरू कर दी गयी है साथ ही बिराटोली एवं शिवपूर साईडिंग से लोडिंग जल्दी ही शुरू कर दी जायेगी। कंपनी द्वारा वित्तीिय वसूली में पिछले वित्तीरय वर्ष की तुलना में नवम्बिर तक 22% की वृद्वि दर्ज की गयी है। 

टोरी-शिवपुर रेल लाईन : झारखंड के लातेहार और चतरा जिलों के आम्रपाली और मगध कोयला खानों से कोयला निकासी के लिए टोरी-शिवपुर की नई लाइन (44.37 किमी) का निर्माण किया जा रहा है, इस रेलवे लाईन को वर्ष 2006 में चालू होना था । इस परियोजना का पहला चरण टोरी- बालूमाथ रेल खंड (19.3 किमी) और बालूमाथ-सीसीएल साइडिंग की कमीशनिंग विगत 09 मार्च को किया जा चुका है । पिछले चार वर्षों के दौरान शुरू की गई यह  8वीं लंबित परियोजना है। 

पिपरवार रेल लाईन :1998 में परिचालित होने के लिए प्रस्ताुवित थी, हालांकि, कानून और व्यवस्था एवं परियोजना प्रभावित लोगो के विरोध और अन्य परिचालन बाधाओं के कारण इस परियोजना में बारम्बारर देरी हुई | पिछले दो वर्षों में सीसीएल प्रबंधन द्वारा परियोजना प्रभावित परिवारों (पीएएफ) को आत्माविश्वास में लेने एवं लंबित विवादों को सुलझाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के कारण निर्माण की गति में तेजी आई और इस वर्ष अंततः शुरु हो गयी |  इस परियोजना के चालू होने से पिपरवार एवं राजधर साईडिंग के आसपास के क्षेत्र से कोयला प्रेषण प्रारंभ हो सका है। इस परियोजना से लगभग 20 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया जा सकता है। 

एक जिम्मेकदार सार्वजनिक उपक्रम की भूमिका निभाते हुए सीसीएल द्वारा पर्यावरण, संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण कि दिशा में  विभिन्नध कदम उठाये गये हैं। धुला हुआ कोयला आपूर्ति करने हेतु सीसीएल द्वारा पांच नयी वाशरियों का टेन्डनर कर दिया गया है। साथ ही 10 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले सभी परियोजनाओं के लिए वाशरी स्था पित करने का निर्णय लिया गया है। सीसीएल द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। सीसीएल के सभी कमाण्ड‍ क्षेत्रों में ईको पार्क स्थाहपित किये जा रहें हैं व वृहद स्तयर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। कंपनी द्वारा ईको रिइस्टोारेशन कर आय अर्जन के नये माध्य्म स्थािनीय लोगों के लिए स्थाहपित किये जा रहें हैं। 

विगत वर्षों में श्री गोपाल सिंह के नेतृत्व में सीसीएल सबसे तेजी से बढ़ रहे सार्वजनिक उपक्रमों में से एक बन गया है। श्री सिंह के कार्यकाल के दौरान सीसीएल मे दीर्घकालीन नतीजे देने वाले वृहद् संगठनात्मक परिवर्तनों को मूर्त रूप दिया गया, लंबे समय तक लंबित जटिल समस्याएं हल की गई, अब तक का सबसे ज्यादा उत्पादन हासिल किया गया, बहुप्रतिक्षित पर्यावरण और वन भूमि की मंजूरी प्राप्त की गई, भूमि का भौतिक कब्ज़ा लिया गया, कई ग्रीनफील्ड परियोजनाएं आरम्भ की गई, रेलवे परियोजनाओ को योजनाबद्ध तरीके से तेजी लाते हुए पूर्ण किया गया | इन सभी सकरात्मक परिवर्तन के पीछे "कायाकल्प  मॉडल ऑफ गवर्नेंस" का सफल क्रियान्वयन है जो निम्न स्तंभों पर आधारित है 

1 पारदर्शिता, साहसिक, नैतिकता और मानवता युक्ति दृष्टिकोण
2 कर्मियों का प्रशिक्षण और विकास
3 अनुशासन प्रवर्तन
4 अभिनव, स्वचालन -  अत्याधुनिक तकनीक
5 लोकतांत्रिक नियोजन - आधिकारिक नियंत्रण

सीसीएल की मुख्य् प्राथमिकता ग्रामीण, गरीबों एवं श्रमिकों का र्स्वािगींण विकास है। सीसीएल कोयला उत्पािदन ही नहीं बल्कि समावेशी विकास को अपना मुख्य् उद्देश्यण मानती है । हम पारदर्शिता, मानवता एवं नैतिकता के माध्य‍म से सामाजिक परिर्वतन लाने के लिए प्रतिबद्व हैं और निरंतर इस दिशा में प्रयासरत हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ सबका विकास’ का संदेश दिया है और सीसीएल परिवार का हर एक सदस्ये इस संदेश को मूर्तरूप देने में अपना योगदान दे रहा है।

सीसीएल देश की बड़ी सार्वजनिक उपक्रमों में से एक है। इसलिए हमारी जिम्मे दारी भी उतनी ही बड़ी है। सीसीएल देश के सर्वागींण विकास के लिए निगमित सामाजिक दायित्वम (सीएसआर) के अंतर्गत विभिन्नब परियोजनाओं के माध्येम से समावेशी विकास के लिए सतत प्रयत्नगशील है। 

रोजगार सृजन : सीसीएल ने पिछले साढ़े चार वर्षों में 3761 (तीन हजार सात सौ एकसठ) युवाओं को रोजगार उपलब्धं कराया है और आने वाले वर्षों में भी रोजगार सृजन एवं कौशल विकास योजनाओं के माध्य म से देश के युवाओं के लिए अवसर प्रदान करता रहेगा। 

खेल अकादमी, होटवार, रांची : माननीय केन्द्री य कोयला एवं रेलवे मंत्री श्री पियुष गोयल और माननीय मुख्यमंत्री झारखंड, श्री रघुबर दास की परिकल्पना एवं दूरगामी सोच का नतीजा, खेलगांव स्थित खेल अकादमी की शुरूआत जुलाई 2016 में हुई । खेल अकादमी ने बहुत कम अवधि में लम्बी दूरी तय करते हुए, अपना नाम राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कई प्रतियोगिताओ के पदक विजेताओं के रूप में अंकित किया है । राज्य के सुदूर, पिछड़े और वंचित क्षेत्रों से आने वाले ये इन युवा कैडेट्स ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर से अपनी प्रतिभा, अपने कोच के मार्गनिर्देशन, सीसीएल और राज्य प्रशासन के प्रयासों एवं हमारे माननीय प्रधान मंत्री का परिकल्पना के साथ न्याय किया है ।

सीएमडी सीसीएल श्री गोपाल सिंह ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि इन युवा कैडेटों को विश्वस्तरीय एवं अत्याधुनिक सुविधाएं मिले, चाहे वह प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा, आहार, कोच या शिक्षा हों | पिछले वर्ष झारखंड के 24 जिलों में आयोजित चयन प्रक्रिया के माध्यम से 1 लाख 89 हजार आवेदकों में से  अंतत: 170 छात्रों का चयन किया गया। चयनित कैडेटों और आवेदकों का अनुपात 9 : 10000 का है, जो इसकी लोकप्रियता और उत्कृयष्ट् मापदंडो को दर्शाता है । इस वर्ष हम ‘’खेल महाकुम्भत’’ के माध्यकम से लगभग 05 लाख बच्चोंह तक पहुंचने का प्रयास कर रहें हैं। खेल महाकुम्भ  का आयोजन झारखंड के सभी 24 जिलों में किया जायेगा। 

वर्तमान में खेल अकादमी में एथलेटिक्स, कुश्ती, तीरंदाजी, तायक्वोंडो, शुटिंग, बॉक्सिंग, साईकिलिंग, वेटलिफ्टींग, तैराकी और फुटबॉल आदि में 344 स्पोर्ट्स कैडेटों को प्रशिक्षित किया जा रहा है । इन बच्चोंग के रहने-खाने, स्कूलिंग, कोचिंग आदि का पूरा खर्चा खेल अकादमी वहन करता है। इन चयनित बच्चों को पांच सौ रूपये प्रति माह स्टाईपेंड भी दिया जाता है । ‘‘मिशन ओलंम्पिक मेडल 2024’’ के तहत इन बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोच द्वारा प्रशिक्षण एवं विश्वमस्ती य सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। 

सी.सी.एल. के लाल एवं लाडली : इस महत्वायकांक्षी योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का चयन कर हमारे आईआईटी पासआउट युवा अधिकारी इन बच्चों को इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग मुहैया कराते हैं। पिछले पांच वर्षों में इन बच्चों ने देश के विख्यात इंजीनियरिंग कॉलेजों जैसे आई.आई.टी एवं एन.आई.टी. में प्रवेश  अर्जित कर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि सी.सी.एल. एवं झारखंड का भी नाम रौशन किया है। इस वर्ष ‘‘सीसीएल के लाल” के (2015-17 बैच) 05 छात्रों (45%) ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्तर कर एक नया इतिहास रचा है। इस वर्ष भी 12 छात्रों (48%) ने जेईई मेन में सफलता प्राप्त) की, जिसमें से 3 छात्रों ने अंतत: आईआईटी में प्रवेश प्राप्ता किया। 

माननीय प्रधानमंत्री के ‘’बेटी बचाव बेटी पढ़ाओं’’ अभियान से कदम से कदम मिलाते हुए वर्ष 2016-18 के सत्र में “सी.सी.एल. की लाडली” योजना का आरंभ किया गया। जिसके अंतर्गत 11 मेधावी छात्राओं का चयन कर कोचिंग दिया जा रहा है। इनके लिए भी डीएवी गांधीनगर में कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं में सी.सी.एल. द्वारा निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इन छात्राओं को रहने, खाने की सुविधा और कोचिंग निःशुल्क उपलब्धं कराई जा रही है । 

‘’सीसीएल के लाल एवं लाडली” की अभूतपूर्व सफलता देखते हुए, इस योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है । बीसीसीएल एवं सीसीएल कमांड क्षेत्रों में सात केन्द्रल खोले गये हैं जहॉ वीडियों कॉन्फ्रें सिंग आधारित स्माेर्ट क्लाकसेस माध्यम से बच्चों को निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जा रही है जिसका शुभारंभ स्वंयय माननीय केंद्रीय कोयला एवं रेलवे मंत्री (भारत सरकार), श्री पीयूष गोयल द्वारा किया गया । प्रत्येसक केन्द्र  पर 50 बच्चोंन को कोचिंग सेवा उपलब्धे कराने की व्ययवस्थात की गई है। अगले बैच (वर्ष 2019-21) के लिए हम प्रवेश पत्र सीसीएल मुख्या‍लय सहित सभी क्षेत्रों में उपलब्धव करा दिये गये है साथ ही इसे सीसीएल की वेबसाईट पर उपलब्ध‍ कराया गया है। हमारा प्रयास है कि इस प्रवेश परीक्षा में झारखंड के 10वीं पास ज्याीदा से ज्यालदा बच्चें् भाग लेकर सीसीएल की योजना का लाभ प्राप्तर करें।  

चिकित्सा: सीसीएल एक स्वच्छ और समृद्व झारखंड के निर्माण के लिए प्रयत्न शील है। हम रांची एवं अपने कमांड क्षेत्रों और आसपास के ग्रामीण अंचलों में न सिर्फ उत्तम और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं बल्कि नियमित रूप से विभिन्न स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते हैं। 

सीएसआर के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के चिकित्सा शिविर मुख्यालय रांची और अपने कमांड क्षेत्र में समय-समय पर आयोजित करता करता रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीएल द्वारा नियमित रूप से नि:शुल्कड स्वालस्य्र्  शिविरों का आयोजन कर पिछले पांच वर्षों में 2500 स्वा स्य्तर  शिविरों के माध्यिम से लगभग 05 लाख से भी ज्याणदा जरूरतमंद लोग लाभान्वित हुए हैं। 
सीसीएल ने स्वावस्य्स्  सेवाएं उपलब्धल कराने हेतु झारखंड के 60 गांवों को गोद भी लिया है। 

बीपीएल परिवार एवं अन्य जरूतमंदों को ‘‘जन आरोग्य केंद्र, गांधीनगर में भी निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जाती है। गाँधीनगर अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी क्लीनिक में झारखंड का कोई भी नागरिक माह में एक बार एम्स दिल्ली, मैक्स दिल्ली एवं यशोदा अस्पताल, हैदराबाद से आये विषेषज्ञ चिकित्सकों से अपना निःशुल्क ईलाज करा सकते हैं। जरूरतमंद लोगों को इस योजना से बहुत लाभ हुआ है और वे दूरस्थ स्थानों में जाकर ईलाज कराने के बजाय सी.सी.एल. गाँधीनगर अस्पताल में ईलाज कराकर बहुत खुश हैं । हृदय रोग से ग्रसित मरीजों के लिए सीसीएल के केन्द्रीकय अस्पडताल गांधीनगर में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव राठी एवं डॉ पी. कुचलाकान्ति हर माह चिकित्सा  शिविर आयोजित करते है, जो मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 

‘जीरो ग्रिवान्स ’ कंपनी : सीएमडी श्री गोपाल सिंह के नेृत्ताव में सीसीएल एक ‘जीरो ग्रिवान्सी‘ कंपनी बनने की दिशा में सतत प्रयासरत है। कंपनी के कर्मियों सहित सभी स्टेेकहोल्ड्र्स के समस्या्ओं के निवारण हेतु कंपनी द्वारा विभिन्न् नयी पहल की गई है। सभी मुख्यारलय सहित सभी क्षेत्रों में ‘समाधान सेल’  स्थायपित किये गये है जिसमें ऑफ लाईन एवं ऑन लाईन दोनों माध्य मों से अपनी  शिकायते एवं समस्याकएं दर्ज की जा सकती है, साथ ही साथ दर्ज की हुई समस्या ओं एवं शिकायतों का समयबद्ध निष्पा दन का प्रावाधान किया गया है। प्रबंधन द्वारा प्रत्येधक माह के अंतिम शनिवार को जेसीएससी बैठक, आपका दरबार, सेफ्टी बोर्ड की बैठक, वेलफेयर बोर्ड की बैठक आदि नियमित रूप से की जा रही है जिसमें सभी स्टेजकहोल्डयर्स संबंधित समस्याधओं पर विस्ता्र से चर्चा होती है।  

कायाकल्प पब्लिक स्कूल: “कायाकल्प पब्लिक स्कूल” की शुरूआत 30 जरूरतमंद बच्चों के साथ बुकरू, रांची में पिछले वर्ष जनवरी में की गई।  प्रारंभ में सभी बच्चों का कक्षा 01 में दाखिला लिया गया है बाद में इसे 12वीं तक किया जायेगा। यह पहला स्कूल है जहॉ बच्चों  के नामांकन की योग्यता गरीब बच्चा होना है और उसे इस स्कूल में नामांकन का पहला अधिकार मिलता है और नामांकन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है । स्कूल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य बच्चों को अच्छा इंसान बनाना है, जो राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे सकें। इस स्कूल में डिजिटल बोर्ड, वाई-फाई, स्कूल बस एवं अन्य आधुनिक सुविधा का प्रावधान रखा गया है । यह स्कूल अन्य स्कूलों से भिन्न होगा क्योंकि जब छात्र 9वीं कक्षा में प्रवेश करेंगे तो उन्हें आईटीआई, मेडिकल, इंजीनियिरिंग आदि की कोचिंग भी करायी जायेगी । 

पेयजल: सीसीएल के खदानों में लगभग 25000 मिलियन क्यूबिक मीटर उपलब्ध पानी से सीसीएल के कमांड क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य की पेयजल की समस्या के निवारण हेतु पिछले वर्ष झारखंड सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया । जिसके अंतर्गत खनन के उपरांत बंद खदानों में एकत्रित जल को उचित ट्रीटमेंट कर खदान के आसपास के गांवों एवं बस्तियों में रह रहे आमजन को पेयजल तथा सिंचाई के लिए उपलब्ध करायी जायेगी। समझौता ज्ञापन कोयला खदानो के आसपास रहने वाले आमजन के कल्याण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इस समझौते के अंतर्गत जल ट्रीटमेंट (आरओ ट्रीटमेंट) के उपरांत लोगों को आपूर्ति की जाएगी। 

वर्तमान में 74 गांवों को पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल उपलब्धल कराया जा रहा है । 
आई.टी.आई., भुरकुन्डा: तकनीकी प्रशिक्षिण एवं रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम भी हमारी कायाकल्प  योजनाओं का एक महत्वपूर्ण अंग है । सी.सी.एल. ने इस दिशा में भुरकुन्डा में आई.टी.आई. की स्थापना की है जहॉ परियोजना प्रभावित परिवारों के बच्चों को दो साल का इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में आईटीआई डिप्लोमा का प्रषिक्षण दिया जाता है । वर्ष 2014-16 में 17, वर्ष 2015-17 में 19 बच्चे इलेक्ट्रशियन ट्रेड में प्रषिक्षण प्राप्त कर चुंके हैं, दोनों बैचो को शत-प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान दो सत्र (2016-18 एवं 2017-19) के बैचो में 41 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं। 

मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (एमएसडीसी), बरकाकाना: परियोजना प्रभावित परिवारों के युवाओं को इलेक्ट्रीशियन और वेल्डिंग ट्रेड में प्रशिक्षण देने के लिए, बरकाकाना में सीसीएल द्वारा एमएसडीसी की स्थापना की गई है । अब तक कुल 176 युवाओं को (इलेक्ट्रीशियन (93) और वेल्डर (83)) चार (4) बैचों में  प्रशिक्षण दिया गया है। सीसीएल द्वारा आयोजित "रोजगार मेले" के माध्यजम से  पहले दो बैच के 43 छात्रों को अलग-अलग कंपनियों में रोजगार मुहैया कराया गया है । साथ ही राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर आयोजित "रोजगार मेले" के माध्यम से सीसीएल द्वारा बाकी छात्रों के लिए प्लेसमेंट में मदद की जा रही है । इस प्रशिक्षण से युवा वेल्डर और इलेक्ट्रीशियन के रूप में स्व्रोजगार हेतु योग्य  भी बन रहें हैं।