वित्तीय वर्ष 2017-18 में सीसीएल का स्वर्णिम प्रदर्शन जारी  

Area- हेडक्वार्टर, Posted on- 12-12-2017


सीसीएल ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 के अपने स्वर्णिम प्रदर्शन को जारी रखते हुए कोयला प्रेषण, सेल्स् रियालाईजेशन, रेल रेक लोडिंग में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। यह प्रदर्शन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है,जब पनबिजली, परमाणु, पवन आदि उर्जा श्रोत से आपूर्ति में कमी रही, तब सीसीएल ने अपने कमांड क्षेत्रों से झारखंड, बिहार, यूपी, पंजाब, हरियाणा,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश स्थित थर्मल पावर प्लांटों को निरंतर कोयले की आपूर्ति कर राष्ट्र को उर्जा जरूरतों को पूराकरनेमें अपनी महत्ती् भूमिका निभा रहा है। संरचनात्‍मक सुधार एवं नवीनतम तकनीकी को अपनाते हुए सीसीएल अपने सभी ग्राहकों एवं स्‍टेकहोर्ल्ड।स के उम्‍मीदों पर खरा उतरने हेतु सतत प्रयासरत है।

चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के नवम्ब र माह तक सीसीएल ने कोयला प्रेषण (डिस्पैनच) में 20% की वृद्धि दर्ज की है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7 मिलियन टन से भी ज्यानदा है। साथ ही साथ पिछले वित्तीीय वर्ष की तुलना में नवम्बवर तक रेल के माध्यवम से कोयला प्रेषण में 7% एवं रोड के माध्ययम से कोयला प्रेषण में 77% की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज कर एक कीर्तिमान बनाया है।

श्री गोपाल सिंह, अध्यक्ष, कोल इंडिया/सीएमडी, सीसीएल के कुशल नेतृत्व में सीसीएल/कोल इंडिया अपने वार्षिक लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में, एक बार पुन: इतिहास दोहराने के पथ पर अग्रसर है । यह उल्लेखनीय है कि सीसीएल द्वारा थर्मल पावर प्लांनटों को उपरोक्त अवधि के दौरान कोयले की आपूर्ति में 11% की "डबल डिजिट" की वृद्धि दर्ज की है, जो सराहनीय है।

सीसीएल प्रबंधन ने अध्यक्ष, कोल इंडिया/सीएमडी, सीसीएल श्री गोपाल सिंह के कुशल मार्गनिर्देंशन में व्यवस्थित और सुनियोजित योजना के साथ-साथ सफल कार्यनिष्पादन से प्राप्तथ हुआ है। सीसीएल लागातार बुनियादी ढांचे में सुधार लाते हुए एवं नवीनतम तकनीकी को अपनाते हुए कोयला उत्पालदन, प्रेषण, उत्पा्दकता आदि को बढ़ाने के लिए संकल्पित है। इन प्रयासों की सफलता का सबसे ताजा उदाहरण, तीन रेलवे साईडिंग हैं : राजधर I और II और चरही गुड्स शेड, जो सीसीएल ने उपभोक्ताओं को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए शामिल किए गए हैं। इसके अलावा दो और साईडिंग जल्द ही शुरू की जानी वाली है। वे-ब्रीज की संख्या भी बढ़ाई जा रही है और उपलब्धम वे-ब्रीजों के सर्वोत्कृष्ट उपयोग के लिए प्रयास किया जा रहा है। पिछले वित्तीबय वर्ष की तुलना में नवम्बभर तक सीसीएल कोल मूल्यध के सेल्से रियालाईजेशन में 22% की वृद्वि दर्ज की है।

इसके अतिरिक्त रियल टाईम (वास्ततवीक समय) में सूचना के आदान-प्रदान के लिए सभी स्टे्कहोडर्स जैसे ग्राहक, रेलवे एवं अन्यम को मोबाईल एप, वाटशप ग्रुप, ई-मेल आदि का उपयोग किया जा रहा है जिससे ग्राहकों की संतुष्टि में वृद्वि के साथ-साथ सिस्टाम में पारदर्शिता बढ़ी है।

अध्यक्ष, कोल इंडिया/सीएमडी, सीसीएल के नेतृत्व में सीसीएल 10.2% के रिकॉर्ड सीएजीआर के साथ सबसे तेजी से बढ़ रहे सार्वजनिक उपक्रमों में से एक बन गया है। सीसीएल मे दूरगामी नतीजे देने वाले परिवर्तनकारी बदलाव, प्रेरित कर्मी, पूर्ण परियोजनाएं एवं अन्यक संरचनात्माक परिवर्तन विगत वर्षो से साफ परिलक्षित हो रहा है। इन सभी सकरात्मक परिवर्तन के पीछे "कायाकल्पअ मॉडल" का सफल क्रियान्वयन है जो निम्न स्तंभों पर आधारित है :

 पारदर्शिता, साहसिक, नैतिकता और मानवता युक्त् दृष्टिकोण
 कर्मियों का प्रशिक्षण और विकास
 अनुशासन प्रवर्तन
 अभिनव, स्वचालन - अत्याधुनिक तकनीक
 लोकतांत्रिक नियोजन - आधिकारिक नियंत्रण

आगामी महीनों में यह गति और तेजी से बढ़ेगा और सीसीएल 2017-18 के अपने लक्ष्य को निश्चकय ही प्राप्तो करेगा।




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